Bungi Mata Temple: (बुंगी देवी हल्दुखाल)
Bungi Devi(Ma Bhagwati) Temple - Haldukhal Garhwal, Uttarakhand
बूंगी माता का मंदिर हल्दूखाल से लगभग दो किलो मीटर ऊंचाई, देवी डंडा(Devi Danda) बियाशी(Byashi) में स्थित हैं.यह नैनीडांडा Block का प्रसिद्द मंदिर हैं.. यहाँ केवल पैदल का ही रास्ता हैं यहां दूर - दूर से लोग बूंगी माँ के दर्शन के लिए आते हैं मंदिर से दूर दूर का प्राकृतिक नजारा(Natural sight)देखने को मिलता हैं
Bungi Devi Hadukhal
कहा जाता हैं जहाँ पर माता का मंदिर हैं वहाँ पर एक पानी का तालाब/ कुंड था जबकि यह देवी डंडा की सबसे ऊंची चोटी पर हैं । और दूसरा मंदिर से एक सुरंग सीधे मंदाल नदी देवी रॉ तक हैं इस देवी रो में माता नहाने जाती हैं
कहा जाता हैं कि हर नवरात्री पे माता ग्रामीणों को बूढी महिला के रूप में दर्शन देती हैं और माँ का शेर भी मंदिर के दर्शन के लिए आता हैं
बुंगी देवी मंदिर, हल्दुखाल
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विवरण | 'बुंगी देवी मंदिर' गढ़वाल के धार्मिक स्थलों में से एक है। यह मंदिर हिन्दू देवी माँ भगवती बुंगी को समर्पित है। | |||
राज्य | उत्तराखण्ड | |||
ज़िला | पौड़ी | |||
समर्पित देवी-देवता | माँ बूंगी दुर्गा माँ | |||
निर्माणकाल | 1600 लगभग | |||
निर्माणकर्ता | * ग्रामीण | |||
संबंधित लेख | उत्तराखण्ड, हल्दुखाल देवी डंडा लेख अमित भदुला, झुरंगु, बुड़ाकोट | |||
अन्य जानकारी | उत्तराखंड राज्य के पौड़ी जिले से 70 किलोमीटर दूर ब्लॉक nainidanda के हल्दुखाल देवी डांडा में स्थित यह भव्य एंव आकर्षक मंदिर मां बूँगी देवी का है। उत्तराखंड के प्रमुख शक्तिपीठ के रूप में ख्याति प्राप्त बूंगी देवी मंदिर देवी भक्तों के लिए पूजनीय है। | यहां आने वाले भक्तों को सांसारिक भागमभाग से अलग अनोखा सुकून मिलता है। गढ़वाल की शिवालिक मनोरम पहाड़ियों में स्थित बियाशी गांव में यह मंदिर स्थित है। यहां के लोगो का कहना है कि आदि काल से ही देवी का निवास स्थान रहा है।मां दुर्गा देवी को शक्ति उपासना का प्रमुख केंद्र माना जाता है। मां बूंगी को क्षेत्र की रक्षिका के रूप में जानी जाती है। मां उल्का के मंदिर में दूर-दूर से लोग पूजा करने आते है। यहां नवरात्र के प्रारम्भ से ही भक्तों की प्रतिदिन भीड़ लगी रहती है। मां देवी अपने भक्तों को भयमुक्त और उनकी रक्षा करती हैं। नवरात्र के दौरान महाष्टमी और नवमी को बुंगी देवी के मंदिर में हजारों श्रद्धालु अपनी मनोकामना पूर्ति के लिए आते हैं। सप्तमी को महानिशा पूजा, अष्टमी को महागौरी और नवमी को सिद्धिदात्री देवी के पूजन के बाद हवन और कन्या पूजन में भक्तों की भीड़ जुटती है। |
माता बुंगी देवी मंदिर देश के महत्वपूर्ण धार्मिक स्थानों में से एक है. बुंगी देवी मंदिर उत्तराखण्ड के नैनीडांडा ब्लॉक पौड़ी जनपद में है. मंदिर पहाड़ी की कि चोटी स्थित है. माता की महिमा अपरंपार है. माता भक्तों की मनोकामनाएं पूरी करती हैं. यहाँ पहुँचने के लिए पैदल का ही रास्ता हैं हल्दुखाल से लगभग दो किलोमीटर का पैदल रास्ता हैं यहां दूर - दूर से लोग बूंगी माँ के दर्शन के लिए आते हैं मंदिर से दूर दूर का प्राकृतिक नजारा(Natural sight)देखने को मिलता हैं और मन को शांति मिलती हैं भक्त यहां आकर मन में संतोष व शांति का अनुभव करते हैं. माता बुंगी देवीजी के दर्शन करने जो एक बार आता है, वह बार-बार आना चाहता है.
यहा से आप कॉर्बेट नेशनल पार्क , कालागढ़ डेम, स्माल विलेज, हिल्स , और नदिया देख सकते हें यहा से गुरंगु , बुढ़ाकोट , हल्दूखाल , बिलकोट , नैनीडांडा के पहाड़ियां , कमांदा, अनेक village दिखाई देते हैं
उतराखंड सौंदर्य का जीवन्त प्रतीक है, सरलता एवं गरिमा का अभिषेक है और सभ्यता एवं संस्कृति इसकी विशिष्ट पहचान है। यहाँ प्रकृति और जीवन के बीच ऐसा सामंजस्य हैं जो सभी पर्यटकों और तीर्थयात्रियों को मंत्रमुग्ध कर देता है। यहाँ की शीतल हवा शान्ति की प्रतीक हैं तो फलदार वृक्ष दान की महिमा का गुणगान करते हैं। यहाँ के लोक जीवन में परंपराएँ, खेल-तमाशे, मेले, उत्सव, पर्व-त्यौहार, चौफुला-झुमैलो, दैरी-चांचरी, छपेली, झौड़ो के झमाके, खुदेड़ गीत, ॠतुरैण, पाण्डव-नृत्य, संस्कार सभी कुछ अपने निराले अन्दाज में जीवन को सजाते हैं।
उतराखंड सौंदर्य का जीवन्त प्रतीक है, सरलता एवं गरिमा का अभिषेक है और सभ्यता एवं संस्कृति इसकी विशिष्ट पहचान है। यहाँ प्रकृति और जीवन के बीच ऐसा सामंजस्य हैं जो सभी पर्यटकों और तीर्थयात्रियों को मंत्रमुग्ध कर देता है। यहाँ की शीतल हवा शान्ति की प्रतीक हैं तो फलदार वृक्ष दान की महिमा का गुणगान करते हैं। यहाँ के लोक जीवन में परंपराएँ, खेल-तमाशे, मेले, उत्सव, पर्व-त्यौहार, चौफुला-झुमैलो, दैरी-चांचरी, छपेली, झौड़ो के झमाके, खुदेड़ गीत, ॠतुरैण, पाण्डव-नृत्य, संस्कार सभी कुछ अपने निराले अन्दाज में जीवन को सजाते हैं।
सूणा ये पहाड़ की पुकार ना बिसरावा येकू प्यार।
अद जग्यु मुछ्यलु खुज्दू धै लगान्दी खांदी
तिबरी डंड्यली हेरदी लठयाला रूंदी रीति भांडी
सेवा सौली दीजा आज दीजा रन्त रैबार
Bungi Mata |
Vist:http://bhadula.blogspot.com
http://bungidevihadukhal.blogspot.com
यहा से आप कॉर्बेट नेशनल पार्क , कालागढ़ डेम, स्माल विलेज, हिल्स , और नदिया देख सकते हें यहा से गुरंगु , बुढ़ाकोट , हल्दूखाल , बिलकोट , नैनीडांडा के पहाड़ियां , कमांदा, अनेक village दिखाई देते हैं
Bungi Mata |
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बुंगी देवी मंदिर, हल्दुखाल
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JB haldukhal school se ghr jaate the(simli)tb ki yaaden taza ho gyi.....JAI BUNGI MATA🙏🙏🙏aapko sat sat parnam
ReplyDeleteThanku
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